2027 में कांग्रेस को मौका दीजिए, गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे: हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बड़ा वादा: गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का संकल्प, जनता से 2027 में समर्थन की अपील
गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे – यह वादा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने हाल ही में एक प्रेस बयान और सोशल मीडिया पोस्ट में दोहराया। 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उन्होंने जनता से अपील की है कि अगर कांग्रेस को मौका मिला, तो गैरसैंण को पूर्ण राजधानी का दर्जा दिया जाएगा।
हरीश रावत का ऐतिहासिक बयान
“2027 में कांग्रेस को एक बार फिर से मौका दीजिए, हम गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे । जो कार्य अधूरे रह गए थे, उन्हें पूरा करेंगे।”
पूर्व सीएम ने यह भी याद दिलाया कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब उनकी सरकार ने गैरसैंण में 2500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था कर दी थी, जबकि पहले वहां रात को 20 लोग भी नहीं रुक सकते थे।
गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे – कार्यों की सूची
हरीश रावत ने अपने कार्यकाल में जो विकास कार्य गैरसैंण में किए थे, उन्हें विस्तार से बताते हुए कहा कि:
- गैरसैंण में विधानसभा भवन की आधारशिला रखी गई।
- ₹57 करोड़ का बजट पास कर आवासीय क्षमता विकसित की गई।
- 5000 लोगों के ठहरने के लिए भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई।
आपदा के समय 2013 में राज्य को उबारने के साथ-साथ गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे की दिशा में ठोस कदम उठाए।
सोशल मीडिया से जनता को दिया संदेश
सोशल मीडिया पर हरीश रावत ने एक पोस्ट के माध्यम से विरोधियों को जवाब देते हुए कहा:
“जो लोग कहते हैं कि मेरे पास मौका था तो मैंने क्यों नहीं बनाया, उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे ये हमारा वादा है, और इस बार पूरा करेंगे।”
उन्होंने कहा कि 2027 में कांग्रेस की सरकार बनी तो पहला कार्य होगा – गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे को साकार करना।
पहाड़ के विकास की कुंजी है गैरसैंण
हरीश रावत का मानना है कि पहाड़ी क्षेत्रों के संतुलित विकास के लिए गैरसैंण को राजधानी बनाना आवश्यक है। उनका तर्क है कि:
- राजधानी गैरसैंण होने से शासन पहाड़ों तक पहुंचेगा।
- बेरोजगारी और पलायन रुकेगा।
- स्थानीय व्यवसाय, कृषि और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
इसलिए गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे सिर्फ एक राजनीतिक नारा नहीं, बल्कि पहाड़ के लिए नीति और न्याय की दिशा में कदम है।
चीनी मिलों और गन्ना मूल्य पर भी बयान
हरीश रावत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों में गन्ना मूल्य समय पर घोषित होता था, लेकिन इस बार सरकार ने किसानों को असमंजस में रखा है।
उन्होंने कहा:
“किसान परेशान हैं, नई फसल तैयार है, और सरकार ने अभी तक पिछली फसल का मूल्य भी घोषित नहीं किया। गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे के साथ-साथ किसान हित भी कांग्रेस की प्राथमिकता रहेगी।”
गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे – क्यों ज़रूरी है?
इस विषय पर सामाजिक संगठनों और विशेषज्ञों का मानना है कि:
उत्तराखंड की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि एक केंद्रीय पहाड़ी राजधानी आवश्यक है।
देहरादून मैदान में है और प्रशासनिक पहुंच पहाड़ी क्षेत्रों में नहीं बन पाती।
गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे का संकल्प राज्य गठन के समय से ही आंदोलनकारियों की मांग रही है।
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क्या कहती है जनता?
जनता के बीच हुए एक जनमत सर्वे में पाया गया कि लगभग 74% लोग चाहते हैं कि गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे का वादा इस बार सच्चाई में बदले। खासतौर से चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और अल्मोड़ा जैसे ज़िलों में इस मांग को लेकर ज़बरदस्त समर्थन देखा गया।
विरोधियों पर हमला
हरीश रावत ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा:
“पिछले 10 वर्षों से भाजपा की सरकार है, लेकिन गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे जैसा कोई भी गंभीर प्रयास नहीं किया गया। केवल दिखावटी सत्र आयोजित हुए।”
उन्होंने यह भी कहा कि गैरसैंण में हर साल विधानसभा सत्र आयोजित करना एक परंपरा बननी चाहिए, लेकिन वर्तमान सरकार ने उसे भी बंद कर दिया है।
भविष्य की योजना
अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो:
- गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित किया जाएगा।
- सचिवालय, विधानसभा और अन्य प्रशासनिक भवन निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी।
- हर विभाग की पहाड़ आधारित शाखा गैरसैंण में संचालित होगी।
- गैरसैंण को राजधानी बनाएंगे योजना के तहत रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित सभी योजनाएं वहीं से क्रियान्वित होंगी।