उत्तराखंड महिला स्वरोजगार योजना – 30 करोड़ की मांग और लाभार्थी विवरण

उत्तराखंड महिला स्वरोजगार योजना आज उत्तराखंड राज्य में चर्चा का प्रमुख विषय बन चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में शुरू की गई यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का एक बड़ा कदम है। इस योजना के तहत महिलाओं को 2 लाख रुपए तक का लोन मिलेगा, जिसमें से 75% की सब्सिडी (1.5 लाख रुपए) सरकार द्वारा दी जाएगी। 2025–26 के वित्तीय वर्ष में इस उत्तराखंड महिला स्वरोजगार योजना के लिए 30 करोड़ रुपये का बजट मांगा गया है।

उत्तराखंड महिला स्वरोजगार योजना

1. उत्तराखंड महिला स्वरोजगार योजना – उद्देश्य

  • आर्थिक स्वरोजगार: इस योजना का मुख्य लक्ष्य है महिलाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना।
  • लोन एवं सब्सिडी: 2 लाख रुपए तक के लोन पर 75% तक की छूट (1.5 लाख) प्रदान की जा रही है।
  • लक्ष्य समूह: योजना विशेषकर एकल महिलाएँ – विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, अविवाहित, और अन्य पात्र वर्गों के लिए शुरू की गई है।

2. बजट और आवेदन स्थिति: 30 करोड़ रुपयों की मांग

  • महिला सशक्तिकरण विभाग ने इस उत्तराखंड महिला स्वरोजगार योजना के लिए 30 करोड़ रुपये की दिशा में नीति निर्माताओं से बजट मांगा है।
  • यह राशि मुख्य रूप से राज्य भर में लगभग 2,000 महिलाएं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से चाही गई है।
  • जुलाई 2025 तक सिर्फ 55 आवेदन प्राप्त हुए थे, जबकि योजना की समय-सीमा 31 जुलाई थी, जिसे संभवतः बढ़ाए जाने की घोषणा हुई।

3. आवेदन में कमी और विभागीय चुनौतियां

  • शुरुआती दौर में, योजना के लिए पहले आओ, पहले पाओ मॉडल अपनाया गया, लेकिन राज्य में केवल 23 आवेदन ही दर्ज हुए।
  • मुख्य जिलों जैसे देहरादून, पौड़ी और नैनीताल से ही आवेदन प्राप्त हुए; बाकी कई जिलों से शून्य पंजीकरण देखा गया।
  • विभाग ने मिशन शक्ति के तहत आंगनबाड़ी व अन्य कार्यकर्ताओं को घरघर जाकर जागरूकता बढ़ाने और पात्र महिलाओं को सीधे आवेदन के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए।

4. पात्रता और लाभ विवरण

यहां रेखांकित हैं उत्तराखंड महिला स्वरोजगार योजना की पात्रता व लाभ की प्रमुख बातें:

  1. पात्रता मानदंड
    • उम्र: 21 से 50 वर्ष
    • स्थायी निवासी: उत्तराखंड की मूल निवासी
    • पारिवारिक वार्षिक आय: 72,000 रुपए तक 
    • एकल महिला श्रेणी: विधवा, तलाकशुदा, अविवाहित, परित्यक्ता, किन्नर, एसिड अटैक पीड़िता आदि 
  2. लाभ
    • लोन राशि: ₹2,00,000
    • सब्सिडी: ₹1,50,000 (75%) 
    • न्यूनतम स्वयं का योगदान: ₹50,000
    • लक्ष्य लाभार्थी: दो हजार महिलाओं तक पहुँचना 
  3. पात्रता दस्तावेज़
    • पहचान पत्र, आय प्रमाण, जाति/विधवा/तनखा प्रमाण आदि।

5. आवेदन प्रक्रियाd

  1. आवेदन शुरू: 18 जून 2025 से
  2. आख़िरी तारीख: प्रारंभ में 31 जुलाई 2025 थी, पर आवेदन संख्या कम होने पर तारीख बढ़ाई जा सकती है 
  3. आवेदन माध्यम:
    • विभागीय पोर्टल, संबंधित कार्यालय, मिशन शक्ति या आंगनबाड़ी केंद्र
    • सरकारी वेबसाइट पर योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन का फॉर्म उपलब्ध है
  4. चयन: पात्र महिलाओं का चयन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।

औपचारिक विवरण तथा दस्तावेज़ के लिए देखें उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग (wecduk.in)

6. सफलता के उदाहरण और भविष्य की योजनाएं

  • इससे पहले, लखपति दीदी योजना के अंतर्गत 1.63 लाख ग्रामीण महिलाओं ने प्रति वर्ष ₹1 लाख से अधिक की आय प्राप्त की है।
  • जलसखी योजना, मुख्यमंत्री सशक्त बहना योजना, और House of Himalayas जैसे कार्यक्रमों से भी महिलाएँ आत्मनिर्भर बनी हैं।
  • मुख्यमंत्री धामी ने सरकार में महिलाओं के लिए नौकरी, स्वरोजगार व सहकारी समितियों में रोल सुनिश्चित करने की एक मजबूत नीति की घोषणा की है।

7. उपयोगकर्ता निर्देश

उत्तराखंड महिला स्वरोजगार योजना के लिए आंतरिक विस्तृत गाइड पढ़ने के लिए देखें हमारी पिछली पोस्ट:

उत्तराखंड महिला स्वरोजगार योजना के पहले चरण की विस्तृत समीक्षा

  • महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग – आवेदन फॉर्म और नीती msy.uk.gov.in (YouTube)

8. रणनीति: बजट आवश्यक क्यों?

  • राज्य भर में कम ही आवेदन आने की स्थिति में, बजट की जरूरत यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि अधिक महिलाओं तक योजना पहुंचे।
  • इस हेतु नियुक्त किया गया 30 करोड़ का बजट, व्यापक प्रचार, जागरूकता अभियान, सब्सिडी वितरण तथा तकनीकी सहायता में व्यय होगा।
  • अतिरिक्त बजट से सामाजिक न्याय की दिशा बढ़ेगी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।

निष्कर्ष

उत्तराखंड महिला स्वरोजगार योजना इसकी संकल्पना और उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, एक सशक्त पहल है। लेकिन इसकी सफलता का आधार होगा – प्रभावी संवाद, आवेदन में वृद्धि और 30 करोड़ की बजट मंजूरी। यदि ये तीनों घटक सही समय पर और सही ढंग से कार्यान्वित किए गए, तो यह मुख्यमंत्री धामी की “मजबूत महिला नीति” का सशक्त आधार बनेगी।

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