उत्तराखंड में mahila swarojgar yojna uttarakhand के लिए मांगे गए 30 करोड़ – जानिए किसे मिलेगा लाभ
उत्तराखंड में महिला स्वरोजगार योजना को लेकर बड़ा कदम, 75 हजार महिलाओं को मिलेगा रोजगार
देहरादून – उत्तराखंड सरकार की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने एक महत्त्वपूर्ण पहल करते हुए केंद्र सरकार से महिला स्वरोजगार योजना के तहत 30 करोड़ रुपये की मांग की है। इस योजना के माध्यम से राज्यभर की 75,000 महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की योजना है।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। योजना को लागू करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और स्थानीय संस्थाओं को भी जोड़ा जाएगा।
योजना का उद्देश्य – महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना
महिला स्वरोजगार योजना का मूल उद्देश्य है कि राज्य की महिलाओं को उनके कौशल के अनुसार रोज़गार या छोटा व्यापार स्थापित करने में सहायता मिले। इसके लिए उन्हें वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, मार्केटिंग सपोर्ट और मशीनरी उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्य बिंदु:
- महिला स्वरोजगार योजना के तहत 75 हजार महिलाओं को लाभ
- योजना के क्रियान्वयन के लिए ₹30 करोड़ की मांग
- योजना की अंतिम तिथि 31 जुलाई रखी गई है
- आवेदन राज्यभर से मंगाए गए हैं
कौन-कौन महिलाएं होंगी लाभान्वित?
यह योजना विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है:
- जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही हैं
- जो घरेलू महिला होते हुए भी कुछ नया करना चाहती हैं
- जिनके पास पहले से कुछ कौशल है लेकिन संसाधनों की कमी है
- स्वरोजगार की इच्छा रखने वाली ग्रामीण महिलाएं
आवेदन की प्रक्रिया और स्थिति
विभाग द्वारा जिलों को निर्देश दिए गए थे कि वे 31 जुलाई तक संभावित लाभार्थियों की सूची और योजनाओं के प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजें। अब तक सभी जिलों से आवेदन आ चुके हैं और उनकी स्क्रूटनी चल रही है।
सूत्रों के अनुसार, योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ जिलों में की जा सकती है।
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कितनी राशि किस योजना में?
विभाग की योजना है कि विभिन्न स्वरोजगार गतिविधियों के लिए अलग-अलग बजट निर्धारित किया जाए:
- सिलाई-बुनाई: ₹10 करोड़
- पशुपालन: ₹5 करोड़
- कृषि आधारित उद्योग: ₹7 करोड़
- अन्य कुटीर उद्योग: ₹8 करोड़
इस प्रकार कुल ₹30 करोड़ की मांग की गई है।
महिला स्वरोजगार योजना से जुड़ी योजनाएं
इस योजना को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM), दीनदयाल अंत्योदय योजना, और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से भी जोड़ा जाएगा, ताकि महिलाओं को व्यापक लाभ मिल सके।
हमारी महिला सशक्तिकरण योजनाएं पढ़ेंaapkisite.com/mahila-schemes
यह योजना क्यों है ज़रूरी?
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में रोजगार के अवसर सीमित हैं, विशेषकर महिलाओं के लिए। ऐसे में महिला स्वरोजगार योजना:
- महिलाओं की आत्मनिर्भरता बढ़ाएगी
- पलायन को रोकेगी
- परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगी
- सामाजिक स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाएगी
महिला स्वरोजगार योजना के तहत मिलेंगे ये फायदे
लाभ | विवरण |
वित्तीय सहायता | ₹25,000 से ₹1,00,000 तक |
प्रशिक्षण | विभिन्न क्षेत्रों में फ्री स्किल ट्रेनिंग |
मार्केटिंग सपोर्ट | उत्पादों की बिक्री हेतु प्लेटफॉर्म |
ऋण सुविधा | बैंकों से आसान किस्तों पर लोन |
अब आगे क्या?
अब योजना को अंतिम रूप देते हुए केंद्र सरकार से मंजूरी मिलनी बाकी है। मंजूरी मिलते ही जिलेवार चयनित महिलाओं को योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
निष्कर्ष: महिला स्वरोजगार योजना एक क्रांतिकारी कदम
महिला स्वरोजगार योजना उत्तराखंड में महिलाओं के जीवन को बदलने वाली साबित हो सकती है। न सिर्फ ये योजना उन्हें आर्थिक रूप से मज़बूत बनाएगी, बल्कि राज्य के विकास में भी योगदान देगी। ₹30 करोड़ की मांग और 75,000 लाभार्थियों की योजना अपने आप में बड़ा विजन दर्शाती है।