उत्तराखंड भाजपा में बड़ा बदलाव तय: जल्द घोषित होगा नया प्रदेश अध्यक्ष
- प्रदेश संगठन की कमान बदलने की तैयारी, हरदीप सिंह को अहम जिम्मेदारी
- उत्तराखंड चुनाव 2027 को देखते हुए भाजपा की सियासी रणनीति तेज
- संभावित चेहरों की दौड़ में कई नाम, मंथन के बाद तय होगा नया नेतृत्व
- संगठन में नई ऊर्जा और युवाओं को तरजीह देने की योजना
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तराखंड की राजनीति में एक नई करवट की शुरुआत कर दी है। आगामी उत्तराखंड चुनाव 2027 को ध्यान में रखते हुए संगठन में व्यापक बदलाव की तैयारी की जा रही है। इसी क्रम में पार्टी ने केंद्रीय राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी को उत्तराखंड के प्रदेश संगठन चुनाव अधिकारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। यह संकेत है कि पार्टी जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने जा रही है।
उत्तराखंड एक संवेदनशील और राजनीतिक दृष्टि से रणनीतिक राज्य है, जहां छोटे बदलाव भी बड़े राजनीतिक असर डाल सकते हैं। वर्तमान समय में भाजपा की सरकार राज्य में सत्ता में है, लेकिन वर्ष 2027 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती। संगठन के स्तर पर जो भी बदलाव होंगे, उनका सीधा असर चुनावी रणनीति पर पड़ेगा, इसलिए इस बार अध्यक्ष का चयन सोच-समझ कर और समर्पित कार्यकर्ताओं के हित में किया जाएगा।
हरदीप सिंह को मिली अहम जिम्मेदारी
केंद्रीय नेतृत्व ने एक अनुभवी और रणनीतिक समझ रखने वाले नेता हरदीप सिंह पुरी को उत्तराखंड के संगठनात्मक चुनाव अधिकारी की भूमिका दी है। यह नियुक्ति दर्शाती है कि भाजपा उच्च स्तर पर उत्तराखंड में संगठनात्मक मजबूती के लिए गंभीर है। पुरी न सिर्फ अनुभवी राजनेता हैं बल्कि चुनावी राजनीति और कार्यकर्ताओं की मानसिकता को भी भलीभांति समझते हैं।
सूत्रों की मानें तो पुरी ने हाल ही में राज्य के कुछ वरिष्ठ नेताओं और संगठन से जुड़े पदाधिकारियों से बातचीत भी शुरू कर दी है। उनका उद्देश्य न केवल नए अध्यक्ष का चयन करना है बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि पूरा संगठन आगामी उत्तराखंड चुनाव 2027 के लिए एकजुट और सक्रिय हो।
राज्य के भीतर संभावित बदलाव और नए चेहरों की तलाश
इस बार प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई संभावित नाम सामने आए हैं। हालांकि पार्टी अभी किसी भी नाम पर आधिकारिक मोहर लगाने से बच रही है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि पार्टी एक ऐसा चेहरा लाएगी जो न केवल जनमानस से जुड़ा हो बल्कि संगठनात्मक अनुभव भी रखता हो।
उत्तराखंड में भाजपा की जमीनी पकड़ मजबूत मानी जाती है, परंतु हर चुनाव में एक नई चुनौती होती है। पार्टी चाहती है कि नया प्रदेश अध्यक्ष युवा हो, जो कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भर सके। साथ ही, उसके पास नेतृत्व क्षमता भी हो जिससे वह संगठन को न सिर्फ एकजुट रख सके बल्कि विरोधी दलों को भी कड़ी टक्कर दे सके।
राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि भाजपा का अगला कदम पार्टी की रीति-नीति में ताजगी लाने वाला होगा। कुछ नामों की चर्चा मीडिया और संगठन के गलियारों में चल रही है, जिनमें वर्तमान मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों, और युवा नेताओं के नाम भी शामिल हैं।
भाजपा की दृष्टि: 2027 में मिशन रिपीट
भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी की थी, लेकिन इस बार पार्टी उत्तराखंड चुनाव 2027 को मिशन मोड में लेकर चल रही है। पार्टी का मुख्य लक्ष्य है “मिशन रिपीट 2027” और इसके लिए जमीन पर कार्यकर्ताओं की सक्रियता, संगठन का सामंजस्य और नेतृत्व का स्पष्ट दिशा देना जरूरी है।
भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व लगातार राज्यों के संगठनात्मक ढांचे पर काम कर रहा है। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में स्थानीय मुद्दे, क्षेत्रीय असंतुलन, विकास के सवाल और युवा वर्ग की अपेक्षाएं बड़ी भूमिका निभाते हैं। ऐसे में नया प्रदेश अध्यक्ष अगर इन पहलुओं को समझने वाला हुआ तो पार्टी की चुनावी तैयारी को काफी मजबूती मिलेगी।
इसके साथ ही भाजपा यह भी चाहती है कि कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया जाए कि पार्टी में कार्य का सम्मान होता है। जो कार्यकर्ता जमीन पर मेहनत करता है, उसे ही नेतृत्व का अवसर मिलता है।