जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार खत्म होगा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
ईमानदार प्रशासन, पारदर्शी व्यवस्था और समाज की भागीदारी से बनेगा भ्रष्टाचारमुक्त उत्तराखंड
देहरादून में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यवासियों से अपील करते हुए कहा कि “*जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार खत्म* किया जा सकता है।” इस कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा, सामाजिक सुधार और भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए किया गया था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार अकेले भ्रष्टाचार को खत्म नहीं कर सकती, इसमें जनता की भागीदारी अनिवार्य है।
कार्यक्रम की थीम – “भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण”
इस कार्यक्रम का आयोजन एक गैर-सरकारी संस्था द्वारा किया गया था जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, विद्यार्थी, महिला समूह और सरकारी अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि “*जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार खत्म*” सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन बनना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा,
“हमने प्रदेश में पारदर्शी और जवाबदेह शासन की दिशा में कई कदम उठाए हैं, लेकिन जब तक आम जनता भ्रष्टाचार के विरुद्ध खड़ी नहीं होगी, तब तक पूरी सफलता नहीं मिल सकती।”
सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने बीते वर्षों में कई योजनाओं को लागू किया है जो जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार खत्म करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं:
- *ई-गवर्नेंस सिस्टम:* सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाना ताकि दलालों और रिश्वतखोरी की संभावना खत्म हो सके।
- *लोक सेवा आयोग में पारदर्शिता:* भर्तियों और परीक्षाओं में गड़बड़ियों को रोकने के लिए डिजिटल निगरानी।
- *जन शिकायत पोर्टल:* जनता अपनी शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा सकती है।
- *घोषित ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ मिशन 2025:* इस मिशन का लक्ष्य है 2025 तक राज्य से रिश्वत और अनुचित लाभ के सभी साधनों को समाप्त करना।
समाजसेवियों की भूमिका
इस आयोजन में प्रमुख समाजसेवी स्वामी विशालानंद जी को “सामाजिक सुधार रत्न” सम्मान से नवाजा गया। उन्होंने कहा,
“*जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार खत्म* करना तभी संभव है जब हर व्यक्ति यह प्रण ले कि वह न रिश्वत देगा और न ही लेगा।”
स्वामी जी ने यह भी कहा कि हमें बच्चों को बचपन से ही नैतिक शिक्षा और ईमानदारी के मूल्य सिखाने होंगे, तभी यह बदलाव स्थायी रूप से समाज में स्थापित हो पाएगा।
युवाओं की जागरूकता ज़रूरी
कार्यक्रम में हजारों छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे। युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “*जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार खत्म*” का सबसे बड़ा दायित्व आज की युवा पीढ़ी पर है।
उन्होंने कहा:
“युवाओं को टेक्नोलॉजी और नैतिकता दोनों के साथ आगे आना होगा। जहां भ्रष्टाचार दिखे, वहां आवाज़ उठाएं। यही असली देशभक्ति है।”
भ्रष्टाचार की वर्तमान स्थिति
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में सरकारी सेवाओं में भ्रष्टाचार के 320 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि पिछले एक साल में इन मामलों में 28% की गिरावट आई है, जो दर्शाता है कि *जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार खत्म* करने के प्रयास रंग ला रहे हैं।
डिजिटल क्रांति: हथियार भ्रष्टाचार के खिलाफ
कार्यक्रम में यह बताया गया कि डिजिटलीकरण के कारण भ्रष्टाचार पर काबू पाना आसान हुआ है। अब ज़मीन का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध है, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, बिजली-पानी बिल, छात्रवृत्तियां – सब कुछ ऑनलाइन हो चुका है। इन सब में आम जनता की भागीदारी को आवश्यक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि *जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार खत्म* करने की यह दिशा सही चल रही है।
प्रमुख वक्ताओं की राय
* *श्रीमती नीला चौधरी (सामाजिक कार्यकर्ता):* “जब तक लोग खुद रिश्वत देने से मना नहीं करेंगे, तब तक बदलाव संभव नहीं। *जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार खत्म* करने का यही पहला क़दम है।”
* *प्रो. महेश रावत (शिक्षाविद्):* “शिक्षण संस्थानों में नैतिकता का पाठ अनिवार्य होना चाहिए। छात्रों में ईमानदारी का बीज डालना हमारी ज़िम्मेदारी है।
जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि *जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार खत्म* तभी हो सकता है जब जनप्रतिनिधि खुद को उदाहरण बनाएं। पारदर्शी फंडिंग, जनता से संवाद और खुला प्रशासनिक ढांचा इसके लिए जरूरी है।
6000 लोगों ने ली भ्रष्टाचार न करने की शपथ
कार्यक्रम के अंत में एक विशेष सत्र रखा गया जिसमें 6000 से अधिक लोगों ने एक साथ शपथ ली कि वे न तो कभी रिश्वत लेंगे और न देंगे। यह अद्भुत दृश्य लोगों के बीच प्रेरणा का कारण बना और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। #जनता\_के\_सहयोग\_से\_भ्रष्टाचार\_खत्म हैशटैग ट्रेंड कर गया।
जनता के सुझाव
समारोह में जनता द्वारा दिए गए कुछ अहम सुझाव इस प्रकार रहे:
- हर सरकारी कार्यालय में “No Bribe Zone” का बोर्ड लगाया जाए।
- हर रिश्वतखोरी की घटना पर सीधा FIR हो।
- ग्राम पंचायत स्तर पर निगरानी समिति बने जिसमें नागरिक शामिल हों।