गंगा घाटों की स्वच्छता रिपोर्ट 2025: 107 में से 27 निकायों की रैंकिंग में हुआ सुधार

गंगा घाटों की स्वच्छता रिपोर्ट 2025: 107 में से 27 निकायों की रैंकिंग में हुआ बड़ा सुधार

गंगा घाटों की स्वच्छता रिपोर्ट 2025 107 में से 27 निकायों की रैंकिंग में हुआ बड़ा सुधार

गंगा घाटों की स्वच्छता रिपोर्ट 2025 के तहत भारत के 107 नगर निकायों की स्वच्छता रैंकिंग जारी की गई, जिसमें 27 निकायों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। इस रिपोर्ट में गंगा किनारे बसे शहरों की साफ-सफाई, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज व्यवस्था और जनसहभागिता जैसे प्रमुख मानकों को आधार बनाया गया।

गंगा घाटों की स्वच्छता रिपोर्ट 2025 में उत्तराखंड के कई निकायों ने सराहनीय प्रदर्शन किया है। देहरादून जिले में स्थित नगर निगम ऋषिकेश, डोईवाला और स्वर्गाश्रम टाउनशिप को भी शामिल किया गया था। इनमें से ऋषिकेश ने सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार किया।

प्रमुख बिंदु:

  • देश के 107 निकायों में से 27 ने रैंकिंग में सुधार किया।
  • स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के आधार पर तैयार की गई गंगा घाटों की स्वच्छता रिपोर्ट 2025
  • गंगा टाउन की स्वच्छता स्थिति को मापा गया 2000 से 50,000 की आबादी वाले क्षेत्रों में।
  • 624 गंगा घाटों की सफाई और निगरानी के लिए 2800 कर्मी नियुक्त किए गए।
  • करीब 4,243 घाटों पर सफाई व्यवस्था लागू की गई।
  • रिपोर्ट के अनुसार, राज्य गंगा समिति उत्तराखंड की निगरानी में हुए कार्यों का सकारात्मक असर देखा गया।

गंगा घाटों की स्वच्छता रिपोर्ट 2025: उत्तराखंड के निकायों की स्थिति

जिला निकाय घाटों की संख्या गंदगी रेट (0–1) स्कोर 2024 स्कोर 2023 सुधार
देहरादून डोईवाला 01 0.01 71.4 37.587
हरिद्वार हरिद्वार 07 0.02 43283 43838
उत्तरकाशी उत्तरकाशी 06 0.07 44471 44471.1
चंपावत टनकपुर 02 0.03 50198 50518
चमोली गोपेश्वर 03 0.03 35898 35998
पौड़ी श्रीनगर 03 0.03 61718 61718

ऊपर दिए गए आँकड़ों से स्पष्ट है कि गंगा घाटों की स्वच्छता रिपोर्ट 2025 में डोईवाला ने अपनी रैंकिंग को दोगुना सुधार लिया।

“सरकार ने गंगा घाटों की स्वच्छता के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी लगातार सुधार किए हैं। राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में प्राचार्य और शिक्षकों की भर्ती इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

गंगा टाउन की सफाई के लिए किए गए प्रयास

  • 16,949 स्वयंसेवकों ने गंगा घाटों की सफाई में भाग लिया।
  • 1,65,000 मीट्रिक टन ठोस कचरे का निपटारा किया गया।
  • 1,01,300 मीट्रिक टन जैविक कचरे का ट्रीटमेंट किया गया।
  • 20,000 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम व कार्यशालाएं आयोजित की गईं।

2023 की तुलना में 2024 में सुधार

गंगा घाटों की स्वच्छता रिपोर्ट 2025 बताती है कि कैसे लगातार प्रयासों और जन भागीदारी से सफाई व्यवस्था बेहतर हुई है। 2023 के मुकाबले 2024 में काफी राज्यों ने अपने प्रदर्शन में सुधार दिखाया, जो इस रिपोर्ट में साफ तौर पर झलकता है।

निष्कर्ष:

गंगा घाटों की स्वच्छता रिपोर्ट 2025 यह दर्शाती है कि यदि प्रशासन, आम जनता और स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर कार्य करें, तो किसी भी नगर निकाय की रैंकिंग में सुधार लाना संभव है। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में सफाई अभियान का असर स्पष्ट रूप से दिखता है और यह रिपोर्ट भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

0
Show Comments (0) Hide Comments (0)
Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts: