Uttarakhand Secretariat Transfer Policy 2025: नई तबादला नीति से हटेंगे जमे अफसर
उत्तराखंड सरकार ने प्रशासनिक सुचारूता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए एक बड़ी पहल की है। Uttarakhand Secretariat Transfer Policy 2025 के तहत सचिवालय में वर्षों से जमे अधिकारियों के तबादले की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नई नीति का उद्देश्य न केवल सत्ता के केंद्रीकरण को समाप्त करना है, बल्कि अधिकारियों में उत्तरदायित्व की भावना को भी पुनर्स्थापित करना है।
तबादला नीति का मूल उद्देश्य
नई तबादला नीति 2025 के तहत, जिन अधिकारियों की सचिवालय में नियुक्ति को 5 साल से अधिक हो चुके हैं, उनका स्थानांतरण अनिवार्य रूप से किया जाएगा। राज्य सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी अधिकारी, चाहे उसका पद कोई भी हो, एक ही स्थान पर वर्षों तक कार्यरत नहीं रह सकेगा।
31 जुलाई तक पूरा होगा स्थानांतरण
सरकार की ओर से यह निर्देश जारी किए गए हैं कि 31 जुलाई 2025 से पहले सभी अनिवार्य स्थानांतरणों की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। विशेष रूप से वे अधिकारी जो सचिवालय में 2007 या उससे पहले से तैनात हैं, उनके लिए यह नीति लागू की गई है।
नीति की मुख्य बातें
क्रमांक | नीति विवरण |
1 | 5 वर्षों से अधिक समय तक एक ही पद पर तैनात अधिकारियों का अनिवार्य स्थानांतरण |
2 | नई तैनाती में पिछले अनुभव और दक्षता को ध्यान में रखा जाएगा |
3 | तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य |
4 | नियत समय में आवेदन न करने पर स्वतः कार्रवाई |
समान अवसर व जवाबदेही की दिशा में कदम
Uttarakhand Secretariat Transfer Policy 2025 केवल स्थानांतरण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य कार्य संस्कृति में पारदर्शिता और समान अवसर देना है। एक ही पद पर वर्षों तक बने रहने से न केवल भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ती है, बल्कि अन्य योग्य अधिकारियों के अवसर भी कम हो जाते हैं।
आवेदन प्रक्रिया
- सभी अधिकारी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
- संबंधित विभाग 3 कार्यदिवस के भीतर सत्यापन करेंगे।
- स्थानांतरण समिति द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
- निर्धारित समयसीमा के बाद आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
तय समय में नहीं किया आवेदन तो कार्रवाई
नीति में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई अधिकारी नियत समय पर आवेदन नहीं करता है, तो उस पर प्रशासनिक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इससे अधिकारियों में जवाबदेही तय होगी और तबादला प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
विभागवार समीक्षा और सूची जारी
विभागीय प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने विभागों में कार्यरत अधिकारियों की सूची तैयार कर शासन को सौंपें। जिन अधिकारियों का नाम सूची में होगा, उन्हें 31 जुलाई तक हर हाल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
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विशेषज्ञों की राय
प्रशासनिक मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति उत्तराखंड सचिवालय की कार्यसंस्कृति में एक बड़ा सुधार ला सकती है। लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे अधिकारियों को हटाना, सत्ता के केंद्रीकरण को रोकने की दिशा में बड़ा कदम है।
निष्कर्ष
Uttarakhand Secretariat Transfer Policy 2025 एक बेहद जरूरी और स्वागत योग्य कदम है। इससे जहां अधिकारियों में जवाबदेही बढ़ेगी, वहीं विभागीय पारदर्शिता और निष्पक्षता भी स्थापित होगी। समय पर तबादले से अन्य योग्य अफसरों को भी नई जिम्मेदारियां निभाने का मौका मिलेगा।
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